रांची : वह झारखंड की मासूम बेटियों का सौदा करता था। वह उन्हें दिल्ली
ले जाता था और उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाता था। मानव व्यापार में जब
उसकी पोल खुली तो वह रांची में पकड़ा गया था। कोर्ट में गवाही नहीं होने से
रांची के होटवार स्थित सेंट्रल जेल छूट गया। इसके बाद दिल्ली में एक
व्यवसायी की हत्या कर दी। दिल्ली पुलिस ने उसे हत्या के जुर्म में गिरफ्तार
कर जेल भेज दिया है। जेल जाने वाला आरोपी 38 साल का रवींद्र कुमार राठी
उर्फ आकाश राठी मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ सदर थाना
क्षेत्र के भपरोदा गांव का रहने वाला है।
जेल जाने वाले रवींद्र पर इस बार दिल्ली के राजौरी गार्डेन निवासी एक
व्यवसायी जितेंद्र लांबा की हत्या का आरोप लगा है, जिसमें उसकी गिरफ्तारी
हुई है। उसने वर्ष 2003 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से स्नातक किया था।
वर्ष 2000 में वाहनों की खरीद-बिक्री में एजेंट का काम करता था। वर्ष 2002
में उसने शादी की थी। उसे तीन बच्चे भी हुए। उसके बाद उसने पुन: एक दूसरी
महिला से शादी की और उसके साथ नागलोई में किराए पर रहने लगा। रवींद्र ने
नांगलोई में गुडविल प्लेसमेंट एजेंसी शुरू की और घरेलू कार्यो के लिए
झारखंड की मासूम बच्चियों का सौदा करना शुरू किया।
जगन्नाथपुर थाने से भेजा गया था जेल
रांची के जगन्नाथपुर थाने से 28 जुलाई 2011 को मानव व्यापार के केस में
पहली बार रवींद्र कुमार राठी उर्फ आकाश राठी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
उसके खिलाफ हरियाणा के झज्जर में दो कांड, दिल्ली के निहाल विहार थाने में
आर्म्स एक्ट और जगन्नाथपुर थाने में आर्म्स एक्ट से संबंधित मामला दर्ज
है।
तुपुदाना ओपी में भी एक दिन पूर्व दर्ज हुई है प्राथमिकी
तुपुदाना ओपी में भी एक दिन पूर्व ही यानी बुधवार को एक प्राथमिकी दर्ज
की गई है, जिसमें रवींद्र कुमार राठी उर्फ आकाश राठी के अलावा मेरी
फुलकेरिया नामक महिला को भी आरोपी बनाया गया है। इसमें एक नाबालिग बच्ची को
आठ साल पहले दिल्ली ले जाकर बेच देने का आरोप लगाया है, जिसमें बच्ची के
पिता तुपुदाना के देवगाई निवासी एतवा कच्छप ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।
एतवा के अनुसार उनके पास बच्ची का खत आठ साल बाद आया, जिसके बाद उन्हें
बेटी के बारे में जानकारी मिली है। एतवा के अनुसार आकाश राठी ने उन्हें
बच्ची को ले जाने के समय 100 रुपये व गुडविल कंपनी का विजिटिंग कार्ड दिया
था। इसके बाद से ही उनकी बेटी गायब थी। 18 जनवरी को बेटी की चिट्ठी मिलने
के बाद उसके बारे में जानकारी मिली है।
खूंटी की मासूम से किया था यौन शोषण
खूंटी के कर्रा थाना क्षेत्र की 12 साल की मासूम बच्ची को नौकरी का
झासा देकर राठी 2007 में अपनी एक सहयोगी मेरी फुलकेरिया के सहयोग से उसे
दिल्ली लेकर गया। वहां राठी ने मासूम से दुष्कर्म किया था। बाद में उसे
किसी के यहां नौकरी पर लगा दिया, लेकिन यदा-कदा अपने साथ ले जाता और
दुष्कर्म के बाद पहुंचा देता था। बाद में किसी तरह भागकर रांची पहुंची
नाबालिग ने एक एनजीओ में काम करने वाली अपनी चचेरी बहन को पूरी बात बताई तो
मामले का खुलासा हुआ। एक प्लान के तहत आकाश राठी को रांची बुलाया गया था,
जहां से सीआइडी के सहयोग से वह जगन्नाथपुर में पकड़ा गया था। इस कार्य में
दीया सेवा संस्थान की सीता स्वांसी, बैद्यनाथ कुमार के अलावा सिस्टर जेमना
दीदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आरोपियों ने दो गवाह दीया सेवा संस्था
के सदस्य वैद्यनाथ कुमार व सचिव सीता स्वांसी के उपर भी कंप्लेन केस कर
दिया है।
दूसरा साथी झारखंड में देता था नक्सलियों को शेल्टर
व्यवसायी जितेंद्र लांबा हत्याकांड में रवींद्र राठी के अलावा मुकेश
सोनी और जितेंद्र का भाई राजेश लांबा पकड़ा गया था। दूसरा आरोपी मुकेश सोनी
उर्फ मुकेश हजारीबाग के केरेडारी थाना क्षेत्र के पगार गांव का रहने वाला
है। वह रांची के होटवार जेल में 2011-12 के दौरान रवींद्र राठी के संपर्क
में आया था। उस वक्त मुकेश नक्सलियों को झारखंड में शेल्टर देने के जुर्म
में जेल गया था।