रांची
: झारखंड की बेटियों को दिल्ली में ले
जाकर बेचने का आरोपी बाबा वामदेव
भले ही जेल में है, लेकिन उसका कार्यालय
अब भी खुला हुआ है. बिरसा चौक से
हटिया स्टेशन जानेवाले रास्ते पर भगवान
बिरसा ट्राइबल वेलफेयर सोसाइटी का
कार्यालय है. सूचना है कि वामदेव की
गिरफ्तारी के बाद भी उसके कार्यालय में
लड़कियों को लाकर रखा जा रहा है.
लड़कियां बाहर भेजी जा रही हैं.
ज्ञात हो कि अपराध अनुसंधान विभाग
(सीआइडी) मानव तस्करी को बंद करने के
लिए काम कर रही है, लेकिन जिलों की पुलिस
अलर्ट नहीं दिख रही है. वामदेव का
कार्यालय बिरसा चौक के पास है, इसकी सूचना
जगन्नाथपुर पुलिस को भी है.
खूंटी में गिरफ्तारी के बाद उसे
जगन्नाथपुर थाने में ही रखा गया था और
पूछताछ हुई थी. उसके बाद उसे लातेहार
पुलिस ले गयी थी. सारी जानकारी के
बावजूद लातेहार या जगन्नाथपुर पुलिस ने
कार्यालय को बंद नहीं करवाया.
उल्लेखनीय है कि बाबा वामदेव की
गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके इसी
कार्यालय में गयी थी, जहां से वह चकमा देकर
फरार हो गया था. बाद में उसे
खूंटी में गिरफ्तार किया गया था.
वामदेव के शागिर्द के ऑफिस से बरामद हुई
थीं तीन लड़कियां
दिल्ली के सकरपुर इलाके के केडी
इंटरप्राइजेज से गत नौ सितंबर को
लातेहार,
गुमला व गढ़वा की तीन लड़कियों को बचाया
गया था. कार्यालय के मालिक का नाम कपिलदेव चौधरी है. कपिलदेव चौधरी, बाबा वामदेव का
शागिर्द है. लातेहार पुलिस ने जिस मामले (सदर थाना में दर्ज कांड संख्या-03/13) में बाबा वामदेव को गिरफ्तार किया था, उसी मामले में
कपिलदेव चौधरी भी अभियुक्त
है. दिल्ली की घटना से भी साफ है कि
वामदेव के लोग अब भी मानव तस्करी में
लगा हुआ है.
रांची
: झारखंड की बेटियों को दिल्ली में ले जाकर बेचने का आरोपी बाबा वामदेव
भले ही जेल में है, लेकिन उसका कार्यालय अब भी खुला हुआ है. बिरसा चौक से
हटिया स्टेशन जानेवाले रास्ते पर भगवान बिरसा ट्राइबल वेलफेयर सोसाइटी का
कार्यालय है. सूचना है कि वामदेव की गिरफ्तारी के बाद भी उसके कार्यालय में
लड़कियों को लाकर रखा जा रहा है. लड़कियां बाहर भेजी जा रही हैं.
ज्ञात हो कि अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) मानव तस्करी को बंद करने के लिए काम कर रही है, लेकिन जिलों की पुलिस अलर्ट नहीं दिख रही है. वामदेव का कार्यालय बिरसा चौक के पास है, इसकी सूचना जगन्नाथपुर पुलिस को भी है. खूंटी में गिरफ्तारी के बाद उसे जगन्नाथपुर थाने में ही रखा गया था और पूछताछ हुई थी. उसके बाद उसे लातेहार पुलिस ले गयी थी. सारी जानकारी के बावजूद लातेहार या जगन्नाथपुर पुलिस ने कार्यालय को बंद नहीं करवाया.
उल्लेखनीय है कि बाबा वामदेव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके इसी कार्यालय में गयी थी, जहां से वह चकमा देकर फरार हो गया था. बाद में उसे खूंटी में गिरफ्तार किया गया था.
वामदेव के शागिर्द के ऑफिस से बरामद हुई थीं तीन लड़कियां
दिल्ली के सकरपुर इलाके के केडी इंटरप्राइजेज से गत नौ सितंबर को लातेहार, गुमला व गढ़वा की तीन लड़कियों को बचाया गया था. कार्यालय के मालिक का नाम कपिलदेव चौधरी है. कपिलदेव चौधरी, बाबा वामदेव का शागिर्द है. लातेहार पुलिस ने जिस मामले (सदर थाना में दर्ज कांड संख्या-03/13) में बाबा वामदेव को गिरफ्तार किया था, उसी मामले में कपिलदेव चौधरी भी अभियुक्त है. दिल्ली की घटना से भी साफ है कि वामदेव के लोग अब भी मानव तस्करी में लगा हुआ है.
- See more at: http://www.prabhatkhabar.com/news/ranchi/wamdev-office-children-jharkhand/148169.html#sthash.qbYY5nBY.dpuf
ज्ञात हो कि अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) मानव तस्करी को बंद करने के लिए काम कर रही है, लेकिन जिलों की पुलिस अलर्ट नहीं दिख रही है. वामदेव का कार्यालय बिरसा चौक के पास है, इसकी सूचना जगन्नाथपुर पुलिस को भी है. खूंटी में गिरफ्तारी के बाद उसे जगन्नाथपुर थाने में ही रखा गया था और पूछताछ हुई थी. उसके बाद उसे लातेहार पुलिस ले गयी थी. सारी जानकारी के बावजूद लातेहार या जगन्नाथपुर पुलिस ने कार्यालय को बंद नहीं करवाया.
उल्लेखनीय है कि बाबा वामदेव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके इसी कार्यालय में गयी थी, जहां से वह चकमा देकर फरार हो गया था. बाद में उसे खूंटी में गिरफ्तार किया गया था.
वामदेव के शागिर्द के ऑफिस से बरामद हुई थीं तीन लड़कियां
दिल्ली के सकरपुर इलाके के केडी इंटरप्राइजेज से गत नौ सितंबर को लातेहार, गुमला व गढ़वा की तीन लड़कियों को बचाया गया था. कार्यालय के मालिक का नाम कपिलदेव चौधरी है. कपिलदेव चौधरी, बाबा वामदेव का शागिर्द है. लातेहार पुलिस ने जिस मामले (सदर थाना में दर्ज कांड संख्या-03/13) में बाबा वामदेव को गिरफ्तार किया था, उसी मामले में कपिलदेव चौधरी भी अभियुक्त है. दिल्ली की घटना से भी साफ है कि वामदेव के लोग अब भी मानव तस्करी में लगा हुआ है.
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रांची
: झारखंड की बेटियों को दिल्ली में ले जाकर बेचने का आरोपी बाबा वामदेव
भले ही जेल में है, लेकिन उसका कार्यालय अब भी खुला हुआ है. बिरसा चौक से
हटिया स्टेशन जानेवाले रास्ते पर भगवान बिरसा ट्राइबल वेलफेयर सोसाइटी का
कार्यालय है. सूचना है कि वामदेव की गिरफ्तारी के बाद भी उसके कार्यालय में
लड़कियों को लाकर रखा जा रहा है. लड़कियां बाहर भेजी जा रही हैं.
ज्ञात हो कि अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) मानव तस्करी को बंद करने के लिए काम कर रही है, लेकिन जिलों की पुलिस अलर्ट नहीं दिख रही है. वामदेव का कार्यालय बिरसा चौक के पास है, इसकी सूचना जगन्नाथपुर पुलिस को भी है. खूंटी में गिरफ्तारी के बाद उसे जगन्नाथपुर थाने में ही रखा गया था और पूछताछ हुई थी. उसके बाद उसे लातेहार पुलिस ले गयी थी. सारी जानकारी के बावजूद लातेहार या जगन्नाथपुर पुलिस ने कार्यालय को बंद नहीं करवाया.
उल्लेखनीय है कि बाबा वामदेव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके इसी कार्यालय में गयी थी, जहां से वह चकमा देकर फरार हो गया था. बाद में उसे खूंटी में गिरफ्तार किया गया था.
वामदेव के शागिर्द के ऑफिस से बरामद हुई थीं तीन लड़कियां
दिल्ली के सकरपुर इलाके के केडी इंटरप्राइजेज से गत नौ सितंबर को लातेहार, गुमला व गढ़वा की तीन लड़कियों को बचाया गया था. कार्यालय के मालिक का नाम कपिलदेव चौधरी है. कपिलदेव चौधरी, बाबा वामदेव का शागिर्द है. लातेहार पुलिस ने जिस मामले (सदर थाना में दर्ज कांड संख्या-03/13) में बाबा वामदेव को गिरफ्तार किया था, उसी मामले में कपिलदेव चौधरी भी अभियुक्त है. दिल्ली की घटना से भी साफ है कि वामदेव के लोग अब भी मानव तस्करी में लगा हुआ है.
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उल्लेखनीय है कि बाबा वामदेव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके इसी कार्यालय में गयी थी, जहां से वह चकमा देकर फरार हो गया था. बाद में उसे खूंटी में गिरफ्तार किया गया था.
वामदेव के शागिर्द के ऑफिस से बरामद हुई थीं तीन लड़कियां
दिल्ली के सकरपुर इलाके के केडी इंटरप्राइजेज से गत नौ सितंबर को लातेहार, गुमला व गढ़वा की तीन लड़कियों को बचाया गया था. कार्यालय के मालिक का नाम कपिलदेव चौधरी है. कपिलदेव चौधरी, बाबा वामदेव का शागिर्द है. लातेहार पुलिस ने जिस मामले (सदर थाना में दर्ज कांड संख्या-03/13) में बाबा वामदेव को गिरफ्तार किया था, उसी मामले में कपिलदेव चौधरी भी अभियुक्त है. दिल्ली की घटना से भी साफ है कि वामदेव के लोग अब भी मानव तस्करी में लगा हुआ है.
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: झारखंड की बेटियों को दिल्ली में ले जाकर बेचने का आरोपी बाबा वामदेव
भले ही जेल में है, लेकिन उसका कार्यालय अब भी खुला हुआ है. बिरसा चौक से
हटिया स्टेशन जानेवाले रास्ते पर भगवान बिरसा ट्राइबल वेलफेयर सोसाइटी का
कार्यालय है. सूचना है कि वामदेव की गिरफ्तारी के बाद भी उसके कार्यालय में
लड़कियों को लाकर रखा जा रहा है. लड़कियां बाहर भेजी जा रही हैं.
ज्ञात हो कि अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) मानव तस्करी को बंद करने के लिए काम कर रही है, लेकिन जिलों की पुलिस अलर्ट नहीं दिख रही है. वामदेव का कार्यालय बिरसा चौक के पास है, इसकी सूचना जगन्नाथपुर पुलिस को भी है. खूंटी में गिरफ्तारी के बाद उसे जगन्नाथपुर थाने में ही रखा गया था और पूछताछ हुई थी. उसके बाद उसे लातेहार पुलिस ले गयी थी. सारी जानकारी के बावजूद लातेहार या जगन्नाथपुर पुलिस ने कार्यालय को बंद नहीं करवाया.
उल्लेखनीय है कि बाबा वामदेव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके इसी कार्यालय में गयी थी, जहां से वह चकमा देकर फरार हो गया था. बाद में उसे खूंटी में गिरफ्तार किया गया था.
वामदेव के शागिर्द के ऑफिस से बरामद हुई थीं तीन लड़कियां
दिल्ली के सकरपुर इलाके के केडी इंटरप्राइजेज से गत नौ सितंबर को लातेहार, गुमला व गढ़वा की तीन लड़कियों को बचाया गया था. कार्यालय के मालिक का नाम कपिलदेव चौधरी है. कपिलदेव चौधरी, बाबा वामदेव का शागिर्द है. लातेहार पुलिस ने जिस मामले (सदर थाना में दर्ज कांड संख्या-03/13) में बाबा वामदेव को गिरफ्तार किया था, उसी मामले में कपिलदेव चौधरी भी अभियुक्त है. दिल्ली की घटना से भी साफ है कि वामदेव के लोग अब भी मानव तस्करी में लगा हुआ है.
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उल्लेखनीय है कि बाबा वामदेव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके इसी कार्यालय में गयी थी, जहां से वह चकमा देकर फरार हो गया था. बाद में उसे खूंटी में गिरफ्तार किया गया था.
वामदेव के शागिर्द के ऑफिस से बरामद हुई थीं तीन लड़कियां
दिल्ली के सकरपुर इलाके के केडी इंटरप्राइजेज से गत नौ सितंबर को लातेहार, गुमला व गढ़वा की तीन लड़कियों को बचाया गया था. कार्यालय के मालिक का नाम कपिलदेव चौधरी है. कपिलदेव चौधरी, बाबा वामदेव का शागिर्द है. लातेहार पुलिस ने जिस मामले (सदर थाना में दर्ज कांड संख्या-03/13) में बाबा वामदेव को गिरफ्तार किया था, उसी मामले में कपिलदेव चौधरी भी अभियुक्त है. दिल्ली की घटना से भी साफ है कि वामदेव के लोग अब भी मानव तस्करी में लगा हुआ है.
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