एक लड़की को बेचकर 50 हजार कमाता था पन्नालाल

चारदिनों की रिमांड पर मानव तस्कर पन्नालाल और उसकी पहली पत्नी सुनीता को पुलिस ने जेल भेज दिया। पिछले चार दिनों से दोनों खूंटी पुलिस की कस्टडी में थे। 

दोनों से सीआईडी समेत कई जिलों की पुलिस ने पूछताछ की। शुक्रवार को जेल भेजे जाने से पूर्व पन्नालाल के परिजन उससे मिलने खूंटी थाना पहुंचे। पन्ना की बहन ने उससे पूछा कि थाना में पुलिस ने कहीं उसकी पिटाई तो नहीं की थी। इसके जवाब में पन्ना ने कहा कि उसे कौन पीट सकता है। उसकी पहुंच बड़े-बड़े लोगों तक है। वह कुछ ही दिनों में बाहर जाएगा। 

पुलिस जांच में कई बड़े खुलासे
इधरपन्ना के खिलाफ मामले की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं। मामले की जांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की प्रभारी इंस्पेक्टर आराधना सिंह ने की। उन्होंने बताया कि पन्ना लाल के साथ लड़कियों के सौदे के पीछे मानव तस्कर बाबा वामदेव भी रहा है। जांच में उसका नाम भी सामने आया है। वामदेव फिलहाल जेल में है। 


सुनीता की थी सहभागिता
पूछताछमें सुनीता ने भी पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि वह पन्ना के काम में साथ देती थी। उसके बच्चे नहीं हुए, इसलिए उसने अपनी सगी बहन से पन्ना की दूसरी शादी करा दी।
ऐसे करता था लड़कियों का कारोबार 

पुलिसजांच में यह भी खुलासा हुआ है कि पन्नालाल एक लड़की से कमीशन समेत कुल 35 से 50 हजार रुपए की कमाई करता था। वह दलालों के माध्यम से लड़कियां खरीदता था। एक लड़की के लिए वह 20 हजार रुपए कमीशन लेता था। इसके बाद लड़की को मिलने वाले पारिश्रमिक में से वह हर महीने एक हजार की कटौती कर लेता था। किसी भी लड़की को वह प्रत्येक महीने पारिश्रमिक नहीं देता था। साल में एक या दो किस्तों में पारिश्रमिक का भुगतान करता था।

इंस्पेक्टर ने बताया कि अपनी प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से लड़की भेजने के बाद संबंधित परिवार को ब्लैकमेल करता था। परिवार को आदिवासी लड़की भगाने और घरेलू हिंसा का हवाला देकर पैसे वसूलता था। इस काम में बाबा वामदेव भी साथ देता था। बाबा वामदेव दिल्ली में लड़की बचाओ नाम से आंदोलन चलाने के लिए समारोह का आयोजन करता था, जिसमें राजनेताओं को बुलाता था। इस तरह बड़ा मुखौटा बनाकर महानगरों में लोगों को (जहां लड़की काम करती थी) ब्लैकमेल कर रुपए ऐंठता था। ब्लैकमेल भी करता था