वकील को देख महिला लगाती थी बच्चा दिलाने की गुहार

रांची  : अपना बच्चा पाने की आस में नि:शक्त महिला कोर्ट परिसर में कई दिनों से भटक रही थी. उसे किसी ने बता दिया था कि कोर्ट ही तुम्हें बच्चा दिलायेगा़.   

बताया जाता है कि सात दिन पहले उसने कोतवाली थाना स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिंकिंग सेंटर में प्राथमिकी दर्ज करायी थी़  एंटी ह्यूमन ट्रैफिंकिंग इकाई से केस अरगोड़ा थाने को भेजा गया था़  पुलिस को महिला ने आरोपी का पता भी बताया था, लेकिन पुलिस ने मामले में गंभीरता नहीं बरती. उसका बच्चा मिल जाये, इसी आस में वह हर दिन कोर्ट परिसर पहुंचती थी, लेकिन वहां पुलिसकर्मी  उसे भाग देते थे. वह अधिवक्ताओं से बच्चा दिलाने की गुहार लगाती थी़   प्रभात खबर में खबर प्राकाशित होने के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची (डालसा) उस महिला की मदद के लिए सामने आया. 

महिला को दीया सेवा संस्थान की सचिव सीता स्वांसी और बैजनाथ कुमार लेकर सिविल कोर्ट स्थित मध्यस्थता केंद्र पहुंचे़   वहां पब्लिक लीगल एड के सदस्य व अधिवक्ता चांदनी श्रीवास्तव, मंजूला खलखो, पार्वती सिंह, गीता देवी व सबीता चौधरी महिला को कानूनी मदद देने सामने आयीं. 
 
महिला ने संस्था के लोगों को  दिखाया आरोपियाें का घर
दीया सेवा संस्थान के लोगों ने मंगलवार को पीड़ित महिला से उसका घर दिखाने को कहा. महिला ने संस्थान की सीता स्वांसी व बैजनाथ कुमार को आरोपी का घर दिखाया़  आरोपी राजू मुंडा का घर हज हाउस के बगल में है. वहीं बच्चा बेचने में बिचौलिया की भूमिका निभानेवाली दाई अरगोड़ा स्टेशन जानेवाले रोड में रहती है़  बताया जाता है कि  यदि पुलिस पहले महिला को साथ लेकर जाती और कार्रवाई करती,  तो दोनों आरोपी पहले ही पकड़े जाते़  महिला को दर-दर भटकना नहीं पड़का. महिला वर्तमान में हिंदपीढ़ी में भीख मांगनेवाली महिलाओं के साथ रह रही है़  इसकी वजह यह है कि ऐसी शोषित व पीड़ित महिलाओं को रखने के लिए कोई शेल्टर होम नहीं है़  सरकार ने एक शेल्टर होम बनवाया है, लेकिन वह अब तक चालू नहीं हुआ है.